खेलों में बिखेरे जलवे लेकिन सिस्टम से हारे
भोपाल। मेरी बेटी प्रियंका चौपड़े गोल्ड मेडलिस्ट है। उसने वर्ष 2017 में स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शालेय कराते स्पर्धा में (56 किग्रा भारवर्ग) में स्वर्ण पदक हासिल किया था। लेकिन मलाल है कि मेरी बेटी को अब तक शिक्षा विभाग द्वारा मेरिट सर्टिफिकेट नहीं दिया गया है। इस मामले को उन्होंने कई बार जिम्मेदारों तक पहुंचाया लेकिन वे अंत में सिस्टम से हार गए और यही कारण है कि वे आज बेटी का मैडल लेकर भोपाल पहुंचे हैं। बैतूल से यहां पहुंचे प्रियंका के पिता ओंकार चौपड़े ने कहा कि उनकी बेटी को मेरिट प्रमाण-पत्र नहीं मिलने के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दो वर्ष तक कई बार पत्राचार के माध्यम से अपनी बात रखने के बाद अब मैने परेशान होकर मुख्यमंत्री को मैडल वापस करने का निर्णय लिया है, जिसके लिए हम भोपाल पहुंचे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री निवास पर उनकी भेंट नहीं हो पाई है।
परिवार के सभी सदस्य हैं राष्ट्रीय चैंपियन
पिता ओंकार चौपड़े के अनुसार उनकी बेटी प्रियंका ने वर्ष 2017 में आगरा में (7 से 17 जुलाई) आयोजित स्कूल गेम्स फेडरेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शालेय कराते प्रतियोगिता में स्वर्ण हासिल किया था। इसके अलावा कई बार वह अन्य प्रतियोगिताओं में भी प्रदेश के लिए मैडल प्राप्त कर चुकी है। उनका बेटा अभिषेक चौपड़े भी नेशनल चैंपियन रहा है। इसके अलावा उनका छोटा बेटा आतिश चौपड़े हाल ही में जबलपुर से बांग्लादेश में आयोजित कराते चैंपियनशिप में स्वर्ण हासिल कर चुका है। ओंकार चौपड़े का कहना है कि ऐसे में जबकि उनके बेटों और बेटी ने प्रदेश के लिए कई गौरव हासिल किए हैं उनकी बेटी के साथ न्याय नहीं हो रहा है।
करना पड़ रहा है परेशानियों का सामना
इस संबंध में प्रियंका चौपड़े का कहना है कि क्योंकि उनके पिता मजदूर हैं और इसी के चलते उन्हें और उनके भाईयों अभिषेक और आतिश चौपड़े को कई बार आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है। ऐसे में उन्हें मेरिट प्रमाण पत्र न होने के चलते स्कॉलरशिप भी प्रदान नहीं की जा रही है। प्रियंका ने कहा कि प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण ही उन्हें विभाग की खेल अकादमी में भी प्रवेश नहीं मिल सका है। प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए भी उनके आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है। ऐसे में गोल्ड मेडलिस्ट होकर भी मैं अपने आप को उपेक्षित महसूस करती हूं। हमारे लिए खेलों में निरंतरता बनाए रखने में काफी परेशानी हो रही है। हम चाहते हैं कि इस संबंध में मुख्यमंत्री महोदय हमारा मार्गदर्शन करें।
इनका कहना है
यदि किसी खिलाड़ी के साथ ऐसा कोई मामला है तो संबंधित स्टेट हमें सूचना देकर उचित कारण बताकर पत्र भेज सकता है। हम यहां से चेक कराकर कारणों की जांच करा लेते हैं और यदि शिकायत सही पाई जाती है तो सर्टिफिकेट भेज दिया जाता है।
एसएन मिश्रा, सचिव एसजीएफआई, आगरा
इस केस में पूर्व में पत्र एसजीएफआई को भेज जा चुका है। एक बार पुन: रिमाइंडर भेज दिया जाएगा।
एसके परसाई, डिप्टी डायरेक्ट डीपीआई, भोपाल
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