लिखित आश्वासन के बावजूद शुरू नहीं हो सका सर्वे: मेधा पाटकर
भोपाल। पिछले दिनों भोपाल में 16 से नवंबर तक आंदोलन करने वाली नर्मदा बचाओ आंदोलन अभियान की प्रमुख मेधा पाटकर आज सरकार द्वारा दिए गए आश्वासनों का रिव्यू लेने के लिए साथियों के भोपाल पहुंचीं। एक पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि भोपाल वृत्त समापन के उन्हें लिखित आश्वासन दिया गया था अगले 15 दिवस में नर्मदाघाटी डूब प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तैयार ली जाएगी। आश्वासन यह भी दिया था कि डूब प्रभावित मआरों, किसानों केवटों को उचित मुआवजा व पुनर्वास के भी कोई व्यवस्था नहीं की जा सकी है। मुआवजे की व्यवस्था की उम्मीद की बेमानी है। बड़वानी जिले का जिक्र हुए उन्होंने कहा कि कई छोटे-छोटे अभी तक जलमग्न हैं और वहां के किसानों और प्रभावितों के मवेशियों के लिए कोई अस्थाई शेड या गोशाला नहीं बनाई जिसके चलते मवेशियों की संख्या आधी रह गई है। उधर प्रभावितों के लिए गए अस्थाई टिन शेड में जहां बच्चों पढ़ाई प्रभावित हो रही है, वहीं बढ़ती ने बुजुर्गों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हैरत है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद राज्य सरकारों द्वारा कोई बैठक नहीं की गई है। वे चाहती हैं कि मप्र सरकार मजबूत दावेदारी मांग रखे।
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