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सरकार जारी करती रही फरमान, लोग सिर झुकाए रहे....!


-प्रो अपूर्वा नन्द बोले, हिंदुओं पर ज़्यादा जुल्म तो श्रीलंका में हुए, वहां के लोगों को भारत क्यों नहीं लाना चाहती सरकार
भोपाल ब्यूरो
सरकार के मन में किसी कौम खास के लिए छिपी दुर्भावना का अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह बाहरी मुल्कों में जुल्म का शिकार हो रहे लोगों को वापस लाने की बात करती है तो सिर्फ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश का नाम लेती है। जबकि अगर किसी देश में अल्पसंख्यक समुदाय सबसे ज्यादा शोषित और जुल्म का शिकार हुआ है तो वह देश श्रीलंका है। सिर्फ मुस्लिम समाज को लक्ष्य कर आयद किए जाने वाले किसी भी कानून की मुखालिफत होना चाहिए। ये देश सभी धर्म, समुदाय, सम्प्रदाय के लोगों की मौजूदगी का चमन है, किसी भी एक के साथ भेदभाव कर इसकी मूलभावना को नष्ट करने की कोशिशें की जा रही हैं, जो इस देश में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जेनएयू से जुड़े रहे प्रो अपूर्वा नन्द ने रविवार को ये बात राजधानी के इकबाल मैदान में कहीं। वे कांग्रेस नेता मुनव्वर कौसर द्वारा सीएए-एनआरसी के विरोध में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। प्रो अपूर्वा ने कहा कि इस सरकार को अपनी मनमानी करने की आदत हो गई है। अपने तुगलकी फरमान पर सिर झुकाए लोग देखने की उसकी आदत हो गई है। कहने और करने में अंतर रखने वाली इस सरकार ने पहले मुस्लिम महिलाओं के लिए हमदर्दी की बात कही और तीन तलाक उसके लिए कलंक बताया। जब महिलाएं आजाद होकर अपने हक के लिए मैदान में हैं तो उसे यही महिलाएं अब देश की दुश्मन और गद्दार नजर आ रही हैं। उन्होंने कहा कि औरतों का दायरा महज घरों और चूल्हे-चौके तक सीमित नहीं हैं, वे घरों के अंदर हैं, तब तक मर्यादाएं उनके साथ लिपटी हुई हैं, लेकिन जब वे घरों के बाहर निकलकर चौराहों पर आती हैं, तो इसे किसी बड़े बदलाव की निशानी या संकेत मान लिया जाना चाहिए


अपनी विफलता छिपा रही सरकार


मूनव्वर कौसर ने कहा कि असम में जिस प्रकार भाजपा को  मुँह की खानी पड़ी है ।इससे साबित होता है कि सरकार एनआरसी पर कितनी बुरी तरह फ़ेल हुइ है। देश के पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद, उनके परिवार और देश की सेना के कई अफसरो  तक को इसने नहीं छोड़ा । श्री कौसर ने कहा कि देश में कभी भी किसी पार्टी और मुस्लिम ने हिन्दू भाईयों को नगरिकता देने का न तो  विरोध किया और न ही किसी पार्टी ने इसका राजनीतिकरण किया है। हमारा विरोध केवल caa से है जो पूरी तरह से धर्म की दुर्भावना से ग्रसित है। इससे पहले भी पिछले सत्तर सालों से नागरिकता दी जाती रही है। इसके लिए पहले ही कई क़ानून हैं।इससे पहले भी पिछले सत्तर सालों से नागरिकता दी जाती रही है। इसके लिए पहले ही कई क़ानून हैं।


इस मौके पर कांग्रेस नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार का एक ही अभियान है, मुद्दों से भटकाओ और राज करो। यही वजह है कि बढ़ती मंहगाई, चरमराती अर्थव्यवस्था, सुरसा की तरह फैल चुकी बेरोजगारी को नजरअंदाज कर सरकार लोगों को एनआरसी और सीएए के जंजाल में उलझा कर बैठ गई है। उन्होंने भाजपा और आरएसएस को ललकारते हुए कहा कि जिन लोगों ने अपनी जिंदगी अंग्रेजों की दलाली में गुजार दी, वह अब इस देश के लोगों से उनकी नागरिकता का प्रमाण मांग रहे हैं। कार्यक्रम को मुनव्वर कौसर के अलावा कई लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम के दौरान मशहूर शायर विजय तिवारी आदि ने अपनी नजमों और गजलों से समां बांधा। इस मौके पर बड़ी तादाद में धर्मगुरू और सामाजिक संगठनों के लोग भी मौजूद थे। 


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