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औकाफ -ए-आम्मा मुतवल्ली कमेटी की भर्राशाही

आमदनी ढाई करोड़, लेकिन ऐतिहासिक ईदगाह के लिए बजट नही 

औकाफ -ए-आम्मा मुतवल्ली कमेटी की भर्राशाही



भोपाल। जमीअत उलमा ने औकाफ-ए-आम्मा, मुतवल्ली कमेटी की वार्षिक आमदनी पर सवाल उठाते हुए बदहाल वक्फ संपत्तियों की दुर्दशा का मामला उठाया है। जमीअत ने कहा है कि भोपाल की ऐतिहासिक ईदगाह और दीगर औकाफ-ए-संपत्तियां जो औकाफ-ए-आम्मा मुतवल्ली कमेटी के आधीन में आती हैं, बदहाल हैं और जीर्णाेद्धार की राह देख रही है। जमीअत ने दावा किया कि औकाफ  की वार्षिक आमदनी लगभग ढाई करोड़ रुपये तक की बताई जा रही है। इस आमदनी को औकाफ -ए-आम्मा मुतवल्ली कमेटी द्वारा खर्च के रूप में बेवाओं की मदद, शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप, शादी आयोजनों पर दिए जाने वाला सामान पर बताया गया है, लेकिन अफसोस कि भी बात है कि कौम और मिल्लत की कीमती विरासतों, धार्मिक स्थलों की बदहाली किसी से छुपी नही है, इनपर कोई खर्च नहीं किया गया। भोपाल की ऐतिहासिक ईदगाह उनमें से एक है, जिसके संरक्षण के लिए मुतवल्ली कमेटी के संरक्षण के लिए ढाई रुपये का बजट भी नही है। प्रेस सचिव हारून ने बताया कि हालात इतने खराब है कि ईदगाह के बोर्ड तक बदहाल होकर लटक गए हैं। यही हाल ईदगाह की पार्किंग का भी है। 



हाजी इमरान ने मांग की है कि इस वर्ष कुछ आमदनी की रकम को ऐतिहासिक ईदगाह को दुरुस्त करने में खर्च की जाए, जिससे कि ऐतिहासिक ईदगाह और उसकी पार्किंग का संरक्षण किआ जा सके। अगर इस आमदनी का इस वर्ष पांचवा हिस्सा भी ईदगाह के संरक्षण के लिए खर्च किया जाता है तो ये समाज के लिए बड़ा कार्य होगा और ऐतिहासिक ईदगाह को संरक्षण भी प्राप्त होगा। हाजी इमरान ने कहा कि औकाफ-ए-आम्मा द्वारा द्वारा खर्च का जो ब्यौरा पेश किया जा रहा है, उसके लिए किसी प्रकार का नोटिफिकेशन जारी नही किया जाता, जिससे कौम के गरीब जरूरतमंद इसका फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। प्रेस सचिव ने कहा कि इस वर्ष 50 लाख रुपये का बजट ईदगाह और उसकि पार्किंग के संरक्षण के लिए दिया जाना चाहिए एवं आमदनी उजागर करने के साथ-साथ कौम के लिए औकाफ -ए-आम्मा, मुतवल्ली कमेटी दुवारा नोटिफिकेशन जारी किया जा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग योजनाओं से फायदा उठा सकें।


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