मोतीलाल हलचल और साथी- भोपाल का 'लोकगायन'
विविध कलानुशासनों की गतिविधियों का ऑनलाइन प्रदर्शन
भोपाल । मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग की विभिन्न अकादमियों द्वारा कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत बहुविध कलानुशासनों की गतिविधियों पर एकाग्र श्रृंखला 'गमक' का ऑनलाइन प्रसारण सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर किया जा रहा है| श्रृंखला अंतर्गत आज संस्कृति संचालनालय- भोपाल द्वारा श्री मोतीलाल हलचल और साथी- भोपाल का 'लोकगायन' एवं रमेश चौधरी और साथी-देवास द्वारा 'भजन गायन' की प्रस्तुति का प्रसारण किया गया|
प्रस्तुति की शुरुआत मोतीलाल हलचल और साथियों ने लोकगायन से की जिसमे उन्होंने चैती- आज रात सपने में देखा हो रामा, पीया घर आये, ठुमरी- बरसन लागे बदरवा कारे, दादरा- कब घर आहो बलम परदेसिया, कजरी- नदिया किनारे मोरा गाँव एवं ढोला- केसरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देश का गायन किया|
प्रस्तुति में हारमोनियम पर राजेश उबनारे और तबले पर शैलेन्द्र भारके ने संगत दी|
दूसरी प्रस्तुति रमेश चौधरी और साथियों द्वारा भजन गायन की हुई जिसमे घनौरा है म्हारो गाँव, सावन तो आयो रे झूला तो झूले रे, म्हारो मालवो तो सबसे ही खुशहाल है, रमण रेती में लोटण जाये जशोदा मैया थारो ललनो एवं नंदलाल गगरिया भर दे रे भजन प्रस्तुत किये |
प्रस्तुति में हारमोनियम पर गजेन्द्र कुमार नागर, तबले पर संदीप गरवाल और खंजरी पर अभिषेक पटेल ने संगत दी|
कल गमक श्रृंखला अंतर्गत
गमक श्रृंखला अंतर्गत 13 जुलाई, 2021 को सायं 07:00 बजे से जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी द्वारा संतोष केवट और साथी, नरसिंहपुर का बुन्देली 'भक्ति गायन' एवं श्री कृष्णा मालीवाड़ और साथी, मांडू द्वारा 'भगोरिया नृत्य' की प्रस्तुति का प्रसारण विभाग के यूट्यूब चैनल- https://youtube.com/channel/UCL_bmi2Ls6zFZdM3re6QzAQ और फेसबुक पेज- https://www.facebook.com/MPTribalMuseum/live/ पर लाइव प्रसारित होगा |
0 Comments