अयोध्या केस पर 'सुप्रीम' फैसले के खिलाफ रिव्यू पिटीशन दाखिल करेगा AIMPLB, जानिए बैठक की खास बातें
बैठक की बड़ी बातें
बोर्ड की प्रेस कांफ्रेंस में सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि बोर्ड ने तय किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पेटीशन दाखिल करेगा। उन्होंने कहा कि बोर्ड ने साथ ही फैसला किया है कि मस्जिद के लिए दी गई 5 एकड़ की जमीन मंजूर नहीं है।
जमीयत उलेमा हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा कि अयोध्या पर पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए। मदनी ने कहा कि सौ फीसदी पुनर्विचार याचिका खारिज होगी, उसके बावजूद यह दायर करना हमारा हक है।
बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष राबे हसन नदवी समेत असदुद्दीन ओवैसी और जफरयाब जिलानी भी मौजूद रहे।
एआईएमपीएलबी ने बताया रिव्यू पिटिशन का आधार
1. बाबरी मस्जिद की तामीर बाबर के कमांडर मीर बाकी द्वारा 1528 में हुई थी जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कबूल किया है।
2. मुसलमानों द्वारा दिए गए सबूत के मुताबिक, 1857 से 1949 बाबरी मस्जिद की तीन गुंबद वाली इमारत और मस्जिद का अंदरूनी हिस्सा मुसलमानों के कब्जे और इस्तेमाल में रहा है। इसे भी सुप्रीम कोर्ट ने माना है।
3. बाबरी मस्जिद में आखिरी नमाज 19 दिसम्बर 1949 को पढ़ी गई, सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी माना है।
4. 22 और 23 दिसम्बर 1949 की रात में बाबरी मस्जिद के मुख्य गुंबद के नीचे राम की जो मूर्ति रखी गई, सुप्रीम कोर्ट ने उसे भी गैरकानूनी माना है।
5. बाबरी मस्जिद के बीच वाले गुंबद वाली जमीन के नीचे राम जन्मभूमि या वहां पूजा किए जाने का कोई सबूत नहीं है।
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