विरासत में मिले दीन की कद्र नहीं : मौलाना साअद
-दुआ में शिरकत के लिए बढ़ रही जमातियों की तादाद
इज्तिमागाह से खान अशु
भोपाल। हमें दीन की कद्र इसलिए नहीं है कि ये हमें विरासत में मिल गया है। इसके लिए हमें किसी तरह की मेहनत और मशक्कत करने की जरुरत नहीं पड़ी। हमारे नबी हुजूर-ए-अकरम को इस दीन की खातिर कई मुश्किलें, परेशानियां और दिक्कतें उठाना पड़ी हैं।
आलमी तब्लीगी इज्तिमा के तीसरे दिन रविवार को मौलवी युसूफ साहब ने बड़े मजबे को खिताब करते हुए यह बात कही। सुबह फजिर की नमाज के बाद शुरू हुए तकरीर-ओ-बयान के दौर में शामिल होने के लिए जमातों का पहुंचने का सिलसिला शनिवार रात से ही शुरू हो गया था। देशभर की सैकड़ों जमातों के साथ श्रीलंका, मलेशिया, इन्डोनेशिया, जाडज़्न, अमेरिका, यूके, अफगानिस्तान सहित कई मुल्कों की जमाते इज्तिमा में शिरकत कर रही हैं। जहाँ जमातों के ठहरने के इन्तजाम करीब 70 एकड़ में लगे पांडाल में किए गए हैं। 7 बड़े जोन में 70 से ज्यादा फूड स्टॉल लगाए गए हैं, जहां सिर्फ शाकाहारी खाने के इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा 400 से ज्यादा चाय-नाश्ते के होटल भी यहां मौजूद हैं। जमातियों के लिए वुजू, नहाने, शौचालय आदि के भी माकूल इंतजाम यहां किए गए हैं। इसके अलावा रेलवे और दूरसंचार निगम आदि के कैम्प भी यहां मौजूद हैं।
सबका खालिक सिर्फ अल्लाह : मौलाना मुरसलीन
दोपहर जौहर की नमाज के बाद दिल्ली से आए मौलाना मुरसलीन साहब ने कहा कि दुनिया की हर शे सिर्फ अल्लाह तआला की बनाई हुई है। वही सब पर कादिर है, वही सबकी बेहतरी के फैसले करने वाले हैं।
ईमान की रस्सी पकड़े रहे तो कामयाबी तय : इकबाल हफीज
शाम को असिर की नमाज के बाद हुए मुख्तसिर बयान में भोपाल तब्लीगी जमात के जिम्मेदार इकबाल हफीज ने कहा कि ईमान की रस्सी को मजबूती से पकड़े रखना जरूरी है, यही कामयाबी का रास्ता है, इसे आखिरत भी मिलेगी और दुनिया की खुशियां भी नसीब होंगी। उन्होंने कहा कि दीन और ईमान से गाफिल इंसान को न दुनिया में ठिकाना मिल सकता है और न आखिरत में उसे कामयाबी मिल पाएगी।
दीन से हटे तो आएगी तबाहियां : मौलाना सआद
शाम को मगरिब की नमाज के बाद दिल्ली मरकज से आए मौलाना सआद साहब ने मजबे को सम्बोधित करते हुए कहा दीन से हट जाने के चलते आज इंसान बुराइयों में मुब्तिला हो गया है। झूठ, दगा, बेईमानी, फरेब के चक्कर में वह हराम और हलाल का फर्क भूल गया है। इसी की वजह से दुनिया में तबाहियां और बर्बादियों के हालात बन रहे हैं। अल्लाह की रस्सी को मजबूती से पकड़ लो तो दुनिया में भी कामयाब हो जाओगे और आखिरत में भी आसानियां हो जाएंगी।
दुआ-ए-खास, रवाना होंगी सैकड़ों जमात
सोमवार सुबह फजिर की नमाज के बाद बयान होगा। इसके बाद मौलाना साअद साहब अल्लाह की राह में निकलने वाले जमातियों को सफर के दौरान अपनाए जाने वाले अखलाक और काम को समझाएंगे। इसके बाद दुआ-ए-खास कराई जाएगी। इसके लिए इज्तिमागाह के चारों तरफ दूर-दूर तक लाउड स्पीकर लगाए गए हैं, ताकि लोग दूर से भी दुआ में शिरकत कर सकें। आखिरी दिन बढऩे वाले मजमे को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने अतिरक्ति पुलिस बल के इंतजाम किए हैं। साथ ही वॉच टॉचर और सीसीटीवी से हर लम्हे पर सतत निगरानी रखने की व्यवस्था भी की गई है।
बॉक्स
चार दिनों की तालीम, सिखाईं कई बातें
पहली बार चार दिन के लिए आयोजित इस आयोजन में उलेमाओं ने दीन के साथ इंसानियत और अपने आसपास के लोगों के लिए फराईज पर कई बातें सिखाईं। इस दौरान हुए बयान में दावत, नमाज और ईमान पर बात की गई। इस दौरान उलेमाओं ने कहा कि दुनिया में सबसे पहले ईमान आया, उसके बाद दीन और इसके 13 साल बाद नमाज। उन्होंने कहा कि ईमान की वह मेहनत की जाए, जिससे अल्लाह राजी हो। दावत ईमान को पुख्ता करती है। इसी तरह दावत के जरिये दिलों तक हक बात पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यकीन दो तरह का होता है, जो सुनने और देखने से बनता है। सुनने से फिक्र पैदा होती है और देखने से अल्लाह के दिखाई न देने के बावजूद उसके लिए आस्था बढ़ती है।
बिरयानी के साथ होंगे रुख्सत
पहली बार नॉनवेज रहित इज्तिमा से रुख्सत होने वाले जमातियों को फूड जोन से मुफ्त बिरयानी वितरित की जाएगी। इसके लिए इज्तिमा इंतजामिया कमेटी ने खास इंतजाम किए हैं। इसी तरह की व्यवस्था भोपाल रेलवे स्टेशन से विदा होने वाले जमातियों के लिए भी गई है।
0 Comments