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-मुख्यमंत्री कमलनाथ पहुंचे इज्तिमागाह, की दुआ की दरख्वास्त

दुआ करें, दुनिया को फिरकापरस्त ताकतों से निजात मिल जाए
-मुख्यमंत्री कमलनाथ पहुंचे इज्तिमागाह, की दुआ की दरख्वास्त



भोपाल।भोपाल में आयोजित होने वाला आलमी तब्लीगी इज्तिमा दुनिया में इस शहर की पहचान और शौहरत का सबब है। इसमें होने वाली दुआओं को मकबूलियत के करीब माना जाता है। आप इस धार्मिक समागम के जरिये ऐसी दुआ फरमा दीजिए देश-दुनिया से फिरकापरस्त ताकतों का खात्मा हो जाए। इस सूबे और देश की तरक्की का डंका सारी दुनिया में सुनाई दे। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को इज्तिमागाह पहुंचकर दिल्ली मरकज से आए उलेमाओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मौलाना साअद साहब कांधालवी से सूबे की तरक्की के लिए खुसूसी दुआ करने की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए फख्र की बात है कि दुनियाभर के औलेमाओं की खिदमत का मौका हमें मिला है। इनकी नजदीकी और कुरबत पाकर हम खुद को धन्य और गौरांवित मानते हैं। उन्होंने हजरत जी से दुआएं हासिल कीं और सारे मुल्क और पूरी दुनिया में अमन-ओ-अमान, शांति, भाईचारे, एकता, आपसी सौहाद्र की दुआएं करने की गुजारिश की। मुख्यमंत्री कमलनाथ दोपहर करीब 12 बजकर 11 मिनट पर इज्तिमागाह पहुंचे। उनके साथ अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री आरिफ अकील भी मौजूद थे। वे यहां करीब 20-25 मिनट रुके और इसके बाद यहां से रवाना हो गए। इस दौरान प्रशासन ने उनके साथ मीडिया की चर्चा के लिए भी इंतजाम किए थे, लेकिन अपने व्यस्त कार्यक्रम के चलते वे मीडिया से मुखातिब नहीं हो पाए।


 


 


ज़ीरो वेस्ट पर वर्ल्ड रिकार्ड बनाने की ओर इज़्तिमा


ईंटखेड़ी पहुँचे गिनीज़ बुक ऑफ़ रेकार्ड के प्रतिनिधि



खान आशु भोपाल।  यूँ तो भोपाल के आलमी तबलीगी इजतिमा का नाम दुनिया की चुनिंदा बड़ी जमातों के नाम पर दर्ज है लेकिन अब ज़ीरो वेस्ट और प्लास्टिक प्रबंधन को लेकर किए गए इंतज़ामो को लेकर अब गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड के प्रतिनिधियों की यहाँ मौजूदगी से नई इबारत लिखे जाने की ताबीर तैयार हो गई है। यहाँ की लाखों की तादाद में पहुँची दुनियाभर के जमातों के उलेमा और हज़रात के जेरे क़दम बैठकर दुनिया से दीनी मरहलों को हल करने के मक़सद से यहाँ पहुँची इस्तिमाई नफ़र को स्वच्छता और प्लास्टिक प्रबंधन से जोड़ती इमतेजमिया की मुहिम कारगर साबित हो रही है। यही वजह है यहाँ से समूचे विश्व में अनूठा पैग़ाम ले जाने के लिए तैयार मेहमान दुनियाभर में भोपाल के मॉडल को पेश करते हुए जहाँ हमारी कामयाबी का नमूना पेश करेंगे वहीं हमारी कोशिशों को भी सराहेंगे।



नगर निगम की संयुक्त पहल


बात दें कि नगर निगम रसोई में इस्तेमाल किया जा रहा है। इज्तिमागाह पर हर दिन 16 घंटे में 8 टन गैस बनाई जा रही है। कचरे के निष्पादन के लिए किए जाने वाले इस प्रयास से ग्रीन और क्लीन इज्तिमा की अवधारणा को पूरा करना आसान हो गया है।
सफाई, पानी, बिजली, फायर आदि के बेहतर इंतजाम करने की कोशिश की है। सैकड़ों निगमकर्मियों की तैनाती से इस काम को आसानी मिली है। यह पहला मौक़ा है जब ग्रीन और क्लीन इज्तिमा के नारे के साथ काम किया जा रहा है। जिसके तहत प्लास्टिक, पॉलिथिन और तंबाकू उत्पादों पर पाबंदी के पिछले अनुभव को साथ लेकर इस साल जीरो वेस्ट इज्तिमा के रूप में काम शुरू किया गया है। थी वजह है कि जीरो वेस्ट इज्तिमा के तौर पर भोपाल एक नया इतिहास रचने जा रहा है।


एक 15 दिन में दूसरा रिकार्ड 3 माह में 
सूत्रों का कहना है कि जीरो वेस्ट और प्लास्टिक तथा कचरा मैनेजमेंट को लेकर किए गए दावे को लेकर लिम्का बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड का फैसला 15 दिन में आ सकता है। इसी तरह गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड की प्रक्रिया कुछ लंबी चलकर इसके परिणाम आने में तीन माह का समय लग सकता है। 
इनका कहना 
नगर निगम की टीम, अधिकारियों की सक्रियता से ज्यादा मेहनत और इच्छा शक्ति इज्तिमा में शामिल हुए लाखों जमातियों की है, जिनकी वजह से यह काम आसान हो पाया। इस आयोजन से बनने वाले रिकार्ड के लिए शहर-ए-भोपाल की जनता और लाखों जमातियों को भी श्रेय दिया जाना मुनासिब होगा।


 


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