तिनका सामाजिक संस्था की अूनठी पहल
मो. असद
भोपाल। हिंसा उन्मूलन दिवस पर महिलाओं को खेलों से जोडऩे की पहल करते हुए तिनका सामाजिक संस्था ने अनूठा कार्यक्रम आयोजित किया। अपने कार्यक्रम में संस्था ने ग्राम की महिलाओं और बुजुर्गों को खेलों से जोडऩे के लिए घर-घर जाकर गांव के बुजुर्गों को खेलों के प्रति जागरूकता के लिए मुहिम चलाई और गांव के ऐसे बुुजुर्ग जो केवल घर और आंगन तक ही सीमित थे, को खेल के मैदान तक लाकर संस्था ने न सिर्फ उन्हें खेलों से जोड़ा बल्कि उनके रुचि अनुसार खेलों का आयोजन भी किया। ऐसे में बुजुर्गों को अब कई स्वास्थ समस्याओं से जहां निजात मिल रही है, वहीं खेलों के प्रति गांव-गाव में जागरूकता भी फैल रही है।
राजधानी से सटे जिला हरदा के ग्राम छिदगांव तमोली में महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर अनूठे कार्यक्रम का आयोजन किया गया। तिनका सामाजिक संस्था से अनिक मल्हारे ने बताया इसमें 15 प्रकार के खेल रस्सी कूद, चकती फेंक, खो-खो, कुर्सी दौड़, निशानेबाजी, गोला फेंक और अन्य कई खेल गतिविधियों का आयोजन कर इसमें ग्राम छिदगांव तमोली की 30 बुजुर्ग महिलाओं की सहभगिता सुनिश्चित की। इसमें ने सिर्फ गांव के बुजुर्गों ने प्रतिस्पर्धा में भाग लिया बल्कि उत्क्रष्ट प्रदशर्न किया। खेलों के प्रति दीवानगी की हद यह थी कि स्पर्धा में शामिल संगीता बाई मल्हारे ने पांव से विकलांग होने के बाबजूद भी रस्सी कूद में दो मिनट में 200 बार रस्सीकूद कर प्रथम स्थान हासिल किया। इसके अलावा 100 मी. दौड़ में रेशमबाई कवडे प्रथम, कृष्णा बाई ढोके चम्मच दौड़ में प्रथम, सूरजबाई कुर्सी दौड़ में प्रथम, अरुणा बाई, लीला बाई ये वे महिलाएं रहीं, जिन्होंने पहली बार घर से निकलकर ने केवल खेलों में भाग लिया बल्कि विजेता का खिताब भी अपने नाम किया। इन विजेता महिलाओं को महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के उपलक्ष्य में मुख्य अतिथि रितेश तिवारी, मना मण्डलेकर कार्यक्रम प्रभारी, अनिल मल्हारे द्वारा गोल्ड मेडल और प्रमाणपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के संयोजक रितेश तिवारी ने कहा विश्व में भारत देश महिला हिंसा के श्रेणी में प्रथम स्थान पर है। यह दिवस नारी को शक्तिशाली बनाने का अनूठा माध्यम है। ऐसे में महिला शक्ति की मिसाल बनीं मना मण्डलेकर से महिलाओं को खेल के प्रति प्रेेरणा मिली है और यही कारण है कि शिक्षा और खेलों से बालक-बालिकाओं को जोडऩे के कार्यक्रम को भारी सफलता मिल रही है।
वर्ष 2000 से मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस
प्रभारी अनिल मल्हारे ने बताया विश्व भर में अभियान तो कई चल रहे हैं, लेकिन महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों में कमी नहीं आना निराशा का विषय है। उन्होंने जानकारी देते हुुए बताया कि 25 नवम्बर,1960 को राजनैतिक कार्यकर्ता डोमिनिकन शासक राफेल ट्रूजिलो 1930-1961 के आदेश पर तीन बहनों, पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल तथा एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल की 1960 में क्रूरता से हत्या कर दी गई थी। इन तीनों बहनों ने ट््रूजिलो की तानाशाही का कड़ा विरोध किया था। महिला अधिकारों के समर्थक व कार्यकर्ता वर्ष 1981 से इस दिन को इन तीनों बहनों की मृत्यु की स्मृति के रूप में मनाया जाता है। 17 दिसंबर 1999 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में एकमत से यह निर्णय लिया गया कि 25 नवम्बर को महिलाओं के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाया जाएगा तब वर्ष 2000 में इसे मनाने की शुरुआत हुई थी।
0 Comments