Ticker

6/recent/ticker-posts

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अयोध्या में विवादित स्थल पर बनेगा राम मंदिर, मुस्लिम पक्ष को अलग जमीन

 



सुप्रीम कोर्ट का फैसला, अयोध्या में विवादित स्थल पर बनेगा राम मंदिर, मुस्लिम पक्ष को अलग जमीन



देश के सबसे पुराने केस में से एक अयोध्या विवाद पर फैसला आ गया है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई में संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाते हुए निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज कर दिया है. अयोध्या में रामजन्मभूमि न्यास को विवादित जमीन दी गई है. साथ ही मुस्लिम पक्ष को अलग जगह जमीन देने का आदेश दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है.
   चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाना शुरू किया। सीजेआई ने कहा बाबर के समय मीर बाकी ने मस्जिद बनवाई थी। 1949 में दो मूर्तियां रखी गई थी। बाबरी मस्जिद हिंदू स्ट्रक्चर के ऊपर बनाई गई। यह मस्जिद समतल स्थान पर नहीं बनाई गई।
         एसआई की खुदाई में 21वीं सदी में मंदिर के साक्ष्य मिले है। सीजेआई ने कहा की खुदाई के साक्ष्यों को अनदेखा नहीं कर सकते हैं। खुदाई में इस्लामिक ढांचे के सबूत नहीं मिले थे। सीजेआई ने यह भी कहा कि अंग्रेजों के आने से पहले हिंदू वहां राम चबूतरे और सीता रसोई पर पूजा होती रही थी। ऐसे में कोर्ट ने विवादित स्थल का अंदरूनी और बाहरी चबूतरा ट्रस्ट को देने का अदेश दिया।
      सीजेआई ने कहा है कि एएसाई की खुदाई में जो चीजें मिली हैं उसे हम खारिज नहीं कर सकते हैं। आस्था और विश्वास पर कोई सवाल नहीं है। सीजेआई ने कहा श्रीराम का जन्म अयोध्या में ही हुआ था इसमें कोई शक नहीं है। ऐसे में रामलला को कानूनी मान्यता दी जाती है। सीजेआई ने कहा कि 1856 से 57 तक उस स्थान पर हिंदुओं को पूजा करने से रोका नहीं गया था। सदियों से हिंदुओं द्वारा वहां पूजा किए जाना यह साबित करता है कि उनका विश्वास है उस स्थान पर रामलला विराजमान है। सीजेआई ने कहा कि बाहरी प्रांगण में हिंदू पूजा करते रहे हैं।
     हाईकोर्ट ने इस मामले के तीन हिस्से किए ये तार्किक नहीं है। केंद्र सरकार तीन महीने में मंदिर निर्माण की योजना बनाकर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। कोर्ट मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह जमीन देने का आदेश देते हुए कहा कि मुस्लिम पक्ष को दूसरी जगह 5 एकड़ जमीन दी जाए।


फैसले की बड़ी बातें
1. अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, मंदिर का रास्ता साफ
2. विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को मिलेगी
3. सुन्नी वक्फ को 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन मिलेगी
4. निर्मोही अखाड़े और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज
5. पक्षकार गोपाल विशारद को मिला पूजा-पाठ का अधिकार
6. तीन महीने में केंद्र सरकार करेगी मंदिर ट्रस्ट का गठन
7. राम मंदिर निर्माण की रूपरेखा तैयार करेगा नया ट्रस्ट
8. मुस्लिम पक्ष को जमीन देने की जिम्मेदारी योगी सरकार की
9. आस्था और विश्वास पर नहीं, कानून के आधार पर फैसला 


अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाए मुसलमान
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि दस्तावेज़ों से पता चलता है कि 1885 से पहले हिन्दू अंदर पूजा नहीं करते थे. बाहरी अहाता में रामचबूतरा सीता रसोई में पूजा करते थे. 1934 में दंगे हुए. उसके बाद से मुसलमानों का एक्सक्लुसिव अधिकार आंतरिक अहाते में नहीं रहा. मुसलमान उसके बाद से अपना एकाधिकार सिद्ध नहीं कर पाए. हिन्दू निर्विवाद रूप से बाहर पूजा करते रहे. 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद का ढांचा ढहा दिया गया. रेलिंग 1886 में लगाई गई.


इस संवैधानिक पीठ ने सुनाया फैसला
अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने फैसला सुनाया. इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नज़ीर ने फैसला सुनाया. खास बात है कि यह फैसला पांचों जजों की सर्वसम्मति से सुनाया गया है.


Post a Comment

0 Comments