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नागरिकता संशोधन क़ानून, NPR व NRC को जनता ने किया खारिज*


*नागरिकता संशोधन क़ानून, NPR व NRC को जनता ने किया खारिज*
*किया ऐलान मोदी सरकार जनता का विश्वास और संवैधानिक वैधता खो चुकी है*
*नई आज़ादी की लड़ाई का संकल्प*


 
*भोपाल, 19 दिसंबर।* शहर के मध्य स्थित इकबाल मैदान में गुरुवार को अमन पसंद और लोकतांत्रिक नागरिकों ने प्रदर्शन किया। शुरुआत में 4-4 के समूह में एकत्रित हुए छात्रों, युवाओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने मैदान के भीतर जमकर नारेबाजी की। यह विरोध प्रदर्शन अखिल भारतीय स्तर पर वामपंथी, जनवादी, प्रगतिशील संगठनों एवं जनांदोलनों के सामूहिक प्रदर्शन का हिस्सा था।


इस दौरान उपस्थित नागरिकों ने एक संकल्प लिए जिसमें कहा गया कि


""हम भारत के लोग और इस दुनिया के अमन-पसन्द इंसान, नागरिकता संशोधन क़ानून 2019, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) को खारिज करते हैं और यह घोषणा करते हुए कि इस धरती पर पैदा हुआ कोई इंसान अवैध नहीं है बल्कि हमारी साझी इंसानियत में बराबर का हिस्सेदार है, हम संकल्प लेते हैं कि,
प्यार और इंसानियत पर आधारित समाज के निर्माण के लिए लगातार संघर्ष करते रहेंगे जिसकी हिमायत खुसरो और कबीर ने की थी;
हम संकल्प लेते हैं कि बराबरी, न्याय, लोकतंत्र और आज़ादी पर आधारित समाज का निर्माण करने के लिए लगातार संघर्ष करेंगे, जिसका सपना फ़ातिमा बी और सावित्री बाई फुले, भगत सिंह, आम्बेडकर व गाँधी ने देखा था और जिसके लिए हमने आज़ादी की लड़ाई लड़ी थी;
हम संकल्प लेते हैं कि संविधान के बुनियादी मूल्यों से खिलवाड़ करने की हर साजिश को नाकाम करते हुए इंसाफ़ और अमन के लिए लगातार संघर्ष करते रहेंगे।"" ;


इक़बाल मैदान में आयोजित विशाल जनसभा में शहर के तमाम अमन व इंसाफ़ पसन्द लोगों ने नागरिकता संशोधन क़ानून,NPR व NRC को खारिज करते हुए यह कहा कि संविधान और इंसानी मूल्यों की धज्जियाँ उड़ाने वाली मोदी सरकार जनता का विश्वास और शासन करने की वैधता खो चुकी है। तालीम, रोज़गार, स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, महंगाई के हर मोर्चे पर नाकाम सरकार 'फूट डालो और राज करो' के उसी हथकंडे से चल रही है जिससे कभी देश में बरतानी हुकूमत चलाई गई थी। 


देश की संपदा को देशी विदेशी कॉरपोरेट घरानों की जेब में डाल कर आम इंसान को ग़रीबी और बदहाली के दलदल में धकेलने वाली सरकार नफ़रत की राजनीति कर अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेंक रही है।


उपस्थित जनसमूह ने मौजूदा सरकार की जनविरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार जनता के बुनियादी मुद्दों को एक तरफ धकेल कर सत्ता में बने रहने के लिए नफरत और साम्प्रदायिकता का माहौल बना रही है।


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