सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल पर कर्मचारी संघ ने उठाए सवाल
निकाय चुनाव में परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहे सरकार: कर्मचारी संघ
भोपाल। वचन पत्र के आधार पर चलेगी सरकार की घोषणा पर सत्ता में आने के बाद एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है, परंतु सरकार द्वारा कर्मचारी हितैषी कोई निर्णय नहीं लिया गया। यह आरोप कर्मचारी संघ ने उठाते हुए पूछा है कि सरकार बताए कि उसने अभी तक क्या ऐसे काम दर्शाए है जिससे कर्मचारी संतुष्ट हो। सपनि के कमचारी नेता श्याम सुंदर ने मांग की है कि कर्मचारी आंदोलन की इस आपसी असमंजस की स्थिति को समाप्त करने के लिए वचनपत्र के अनुसार तत्काल कर्मचारी हितैषी निर्णय लिया जाना चाहिए। वरना नगर पालिका और नगर-निगम, नगर पंचायत एवं पंचायत चुनाव में इसका खामियाजा को वर्तमान सरकार को भुगतना पड़ सकता है। श्री शर्मा ने कहा कि सरकार के जनप्रतिनिधि प्रशासनिक अधिकारियों पर ज्यादा भरोसा कर रहे हैंं और यही कारण है कि नीतिगत निर्णय लेने में जो ढील पोल की जा रही है। इससे जहां सरकार की छवि खराब हो रही है वहीं सरकार के प्रति असंतोष फैल रहा है।
राज्य कर्मचारी समिति के स्थान पर सरकार द्वारा कर्मचारी आयोग गठन करने की बात तो कही गई थी, लेकिन गठन के उपरांत जो अध्यक्ष तथा जिन पदाधिकारियों का चयन किया जाना था, उसमें भी कर्मचारी प्रतिनिधि को अध्यक्ष ना बनाते हुए सेवानिवृत्त अधिकारी को उपकूत किया गया है। आरोप लगाते हुए कर्मचारी संघ के अनिल वाजपेई ने कहा कि यूं तो सरकार ने निगम मंडलों के कर्मचारियों के लिए वचन पत्र में बहुत कुछ कहा था। लेकिन सरकारी वादों के विपरीत सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों को 8 माह से वेतन भी नहीं मिल सका है। वहीं कई निगम मंडलों में वेतन विसंगति है तो, कई निगम मंडलों में सेवानिवृत्ति अवधि में विसंगति वेतनमान में विसंगति व्याप्त है। यहां तक कि 27 माह का जो एरियर सरकार अपने कर्मचारियों को दे चुकी है, वहीं निगम मंडलों के कई मंडलों के कर्मचारियों को एरियर का भुगतान प्राप्त नहीं हो सका है। इस संबंध में सरकार अपने स्वयं के वित्त मंत्री की भी बात को अनदेखा कर रही है। श्री वाजपेई ने कहा कि यह समझ से परे है कि आखिरकार यह सब क्यों और किस कारण हो रहा है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी संगठनों के बीच कार्य करने वाले प्रतिनिधी सरकार के इस रुख से नाराज हैं। सरकार द्वारा कर्मचारी हितैषी निर्णय नहीं होने के कारण से कर्मचारी प्रतिनिधि अत्यंत दुखी एवं विचलित हैं। सरकार द्वारा कर्मचारी हितैषी निर्णय नहीं होने के कारण से कर्मचारी प्रतिनिधि अत्यंत दुखी एवं परेशान हंै। यही कारण है कि कर्मचारियों के बीच असंतोष है और वे प्रदेश स्तर पर आंदोलनरत हैं। कर्मचारियों की मध्यस्था करने वाले प्रतिनिधि भी सरकार के रवैए से दुखी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जहां एक साल पूर्ण होने पर जश्न मनाने के लिए विज्ञापनों के माध्यम से करोड़ो रुपए खर्च कर रही है वहीं कई कर्मचारियों के समक्ष परिवार के पालन-पोषण की विकट समस्या खड़ी हो गई है।
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