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पहले मिटा दी शान, अब कर रहे फ्लेक्स से बखान

 पहले मिटा दी शान, अब कर रहे फ्लेक्स से बखान

फिल्म शूटिंग के लिए बनाई शौकत महल की पुरानी तस्वीर



भोपाल। अदब और शानो-शौकत के लिए मशहूर भोपाल की पुरानी रियासतों की कदीमी और अजीम निशानियों को मिटा दिया गया है। जो बची हैं उन्हें संवारने और उनके संरक्षण के बजाए उनका बाजारीकरण किया जा रहा है। कारण है कि अब भोपाल अपनी पहचान खोता जा रहा है। 

इस प्रकार का नजारा भोपाल के शौकत महल के सामने खड़े होकर आसानी से देखा जा सकता है, जहां चल रही फिल्म की शूटिंग के दौरान शौकत महल की शानो-शौकत को दर्शाने के लिए फ्लेक्स प्रिंटिंग का सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा प्रिंट पर शौकत महल का ऊपरी हिस्से को दर्शाया गया है। 

नवाब कुदसिया बेगम ने कराया था निर्माण

इकबाल मैदान के पास शौकत महल का निर्माण 1830ई. में भोपाल राज्य की प्रथम महिला शासिका नवाब कुदसिया बेगम ने कराया था। इसे इस्लामिक और यूरोपियन मिश्रित शैली में फ्रांसीसी कारीगरों ने तैयार किया  था। इस महल में नवाब जहांगीर मोहम्मद खान अपनी बेगम नवाब सिकन्दर के साथ यहां रहा करते थे। महल के सामने खूबसूरत गुलाब उद्यान था जहां शाहजहां बेगम अपने शौहर नवाब उमराव दूल्हा के साथ तफरीह करती थीं।

सरकारों का रवैया इसका जिम्मेदार

मप्र जमीअत उलमा के प्रेस सचिव इमरान हारून ने कहा कि प्रदेश की अब तक की सरकारों ने इन्हें बचाने के लिए कोई काम नहीं किया है। नगर निगम प्रशासन और वक्फ बोर्ड अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहा है। इन इमारतों और शानदार इमारतों के संरक्षण के लिए कोई काम नहीं हो रहे हैं। कई दरवाजों को जमींदोज कर दिया गया है। इसके लिए सरकारी अमला पूरी तरह जिम्मेदार है जो इन्हें देकर किराया वसूलता है, लेकिन इनके संरक्षण को लेकर लीपा-पोती कर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। 


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