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कौन क्रिकेटर है पहले आप बताओ : जेपी

गुस्सा इतना की फोन पर बात करना भी गवारा नहीं, पूछा कौन क्रिकेटर है पहले आप बताओ : जेपी

जे पी अच्छा काम कर रहे हैं, शिकायत नहीं तो करवाई कैसी: सचिव

भोपाल। कौन क्रिकेटर, कौन उठाएगा सवाल, मुझे जो सही लगेगा मैं वो करूंगा। आप किनकी बात कर रहे हो, पहले बताओ क्या वे क्रिकेटर हैं। उक्त बातें एमपीसीए द्वारा गठित समिति के मुख्य जेपी यादव ने एक सवाल के जवाब में संवाददाता से कहीं। 

दूसरी ओर इस संबंध में जब एमपीसीए के सचिव संजीव राव ने कहा कि भोपाल में सब ठीक चल रहा है। उन्हें कोई शिकायत नहीं है। जब शिकायत नहीं तो कैसी करवाई। 

इससे पहले एक प्रेस मीट में भोपाल के सीनियर्स क्रिकेटर्स ने जेपी यादव पर अहम के कारण किसी वरिष्ठ किकेटर का फोन नहीं उठाने, पृथक से भी चर्चा नहीं करने, स्वयं या इनके प्रतिनिधियों के माध्यम से सीनियर क्रिकेटर्स से या फोन करके अभद्रता करने का आरोप लगाया था। 

कुछ डेढ़ वर्ष पहले भी भोपाल के सीनियर्स क्रिकटर्स ने टूर्नामेंट के आयोजन और उसमें खिलाड़ी बच्चों की सहभागिता को लेकर सवाल उठाए थे। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद भोपाल के सीनियर्स क्रिकेटर्स ने संचालन समिति के मुख्य और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर्स जे पी यादव पर और भी कई गंभीर आरोप लगाए। 

उनका कहना था कि अपने रुतबे और अख्खड़ मिजाज के चलते यादव किसी की बात सुनना तो दूर अन्य क्रिकेटर्स से बात करना भी पसंद नहीं करते। ऐसे में कई बार क्रिकेट का भला चाहने वाले प्रशिक्षक और क्रिकेट कोच चाहकर भी भोपाल के प्रतिभाशाली क्रिकेटर बच्चों का भविष्य बचाने में नाकाम हैं। यही नहीं अगर किसी प्रकार जेपी यादव से किसी तरह कोई शिकायत की भी जाए तो उसे पहले तो वे गंभीरता से नहीं लेते, दूसरी बार बात करना भी पसंद नहीं करते। यही कारण है कि कई प्रतिभावान खिलाड़ी, स्कूल टूर्नामेंट्स जैसे अनेक प्लेटफार्म पर लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उनकी हठधर्मिता के कारण अवसर से वंचित कर दिए गए।  सीनियर्स क्रिकेटर्स ने कहा कि  वर्ष 2020-21 में कराए गए ओपन ट्रायल में भी कई प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अवसर ना देकर कुछ चुनिंदा खिलाड़ियों को उपकृत किया गया। 

यही नहीं चयन ट्रायल के लिए आयोजित प्रतियोगिता में उन खिलाड़ियों को भी नही खिलाया गया, जिन्होंने पांच से ज्यादा विकेट लिए थे। इसके लिए उन्हें टेनिस बॉल खिलाड़ी बता दिया गया।  इसका मकसद सिर्फ उसका भविष्य खराब करने के अलावा कुछ नही दिखाई देता। वहीं चयन का आधार पिछले एक वर्ष का निरंतर ना होकर स्वयं की नजरों में अच्छा खिलाडी होना रखा गया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की  चयन प्रकिया पर सीनियर किकेटर्स जब सवाल उठाते हैं तब जेपी से संपर्क करना भी मुश्किल होता है। इनकी यह कार्यप्रणाली भोपाल की किकेट के हित में नही है।

अनुभवी और योग्य को जगह नहीं 

भोपाल के क्रिकेटर्स ने आरोप लगाया है कि खिलाड़ियों से हटकर यदि अम्पायर्स के चयन या स्कोरर के चयन की बात की जाए तो उसमे भी पारदर्शिता नहीं है। भोपाल में अनुभवी व योग्य किकेटर्स की कमी नहीं है, परन्तु यह अनुभवहीन व्यक्तियों को तरजीह देते हैं, जबकि लगातार भोपाल के सभी कनिष्ठ व वरिष्ठ खिलाडियों के बीच कार्यरत अम्पायर्स व अन्य विशेषज्ञों को नजरअंदाज किया जाता है. यह भोपाल के हित में नहीं है। यही कारण है कि प्रतियोगिताओ में भोपाल का प्रदर्शन खराब रहा है। भोपाल में खिलाड़ियों को पर्याप्त दस्तावेज के बावजूद उन्हें वंचित करने का कारनामा भी किया गया है।

सचिव को कार्यकाल का पता नहीं

इस संबंध में सच्ची नहीं बता पाए की समिति का कार्यकाल कितने वर्ष का होता है। उन्हें अनुसार दो वर्ष का। लेकिन यहां बताना आवश्यक है कि समिति का गठन वर्ष 2018 में तत्कालीन सचिव मिलिंद कनमड़ीकर के कार्यकाल में किया गया था। इस संबंध में पुनः गठन को लेकर भी उन्होंने कहा की किसी प्रकार की प्रक्रिया नहीं चल रही है। हाल ही में इंदौर में एम.पी.सी.ए द्वारा कोचेस एवं ट्रेनर हेतु केम्प एवं वर्कशाप में (9.10.11 जुलाई 2021) भोपाल से कोच एवं ट्रेनर के शामिल होने की बात उन्होंने कही, हालांकि वे संख्या जरूर नहीं बता पाए। 

 संचालन समिति की कमान अन्य को देने की मांग

जेपी यादव की जगह अन्य किसी को संचालन समिति कमान देने की मांग प्रेस मीट के माध्यम से की गई है। पत्रकारवार्ता में जावेद अंसारी आजीवन सदस्य एमपीसीए, अजय राजवैद्य, अब्दुल अकील, उमर खान बाबा, मनोज गौतम, केजी शर्मा, मुजीबउद्दीन, मनीष शुक्ला, जावेद हमीद, अमिताभ वर्मा, हरभान सिंह सैंगर, अतुल वर्मा, अजय भगत, अतुल खरे आदि उपस्थित थे।


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