भोपाली अंदाज में हॉकी कोच का शाही सम्मान
भोपाल। भोपालियों का दिल हॉकी में बसता है और हॉकी भी भोपाल की पहचान है, आजाद भारत से पहले और बाद में पाकिस्तान के अलग होने से अब तक। हॉकी के लिए जिसने भी पसीना बहाया है उसे भोपाल ने रिवायत के मुताबिक नवाजा है। भोपाल की ऐसी ही शख्सियत को वैसा ही सम्मान दिया गया, जैसा अंतिम नबाव हमीदुल्ला खान को दिया गया था। वो कोई और नहीं, जाने-माने हॉकी प्रशिक्षक वायएस चौहान हैं। जो 35 साल साई भोपाल में सेवाएं देने के बाद सेवानिवृत्त हुए। इसपर उनके शिष्यों (हॉकी खिलाडिय़ों) ने भोपाली पगड़ी पहनाकर एमपी नगर के होटल कस्तूरी के एक कार्यक्रम में गार्ड ऑफ ऑनर से नवाजा।शहर के ह्दय स्थित अपने गुरु का सम्मान समारोह उनके शिष्यों ने आयोजित किया। इसमें करीब 40 से ज्यादा उन खिलाडिय़ों ने शिरकत की, जिनमें तकरीबन सभी हॉकी कोच चौहान की कोचिंग के मुरीद हैं और अधिकांश ने जीवन की लाठी बनी हैं हॉकी। कार्यक्रम में कोच वायएस चौहान के पूरे परिवार को आमंत्रित किया गया। सब आए भी। उनका होटल में प्रवेश करते ही गुलाब के फूलों से स्वागत किया गया। खेल स्वमेव अनुशासन सिखाता है, सो खिलाड़ी भी एक विशेष ड्रेस कोड में थे।
हॉकी खिलाड़ी इमरान अली ने एक शेर से कार्यक्रम की शुरुआत की। जिसका लब्बोलुआव यह है कि भोपाल हॉकी का जो मुकाम देश-दुनिया में बना वो हर किमत पर बरकरार रहना चाहिए। अन्य खिलाडिय़ों ने भी चौहान की कोचिंग की विशेषताएं बताईं। कहा, उनकी कोचिंग से अधिकांश खिलाड़ी संतुष्ट हैं। एमपी पुलिस टीम के खिलाड़ी अहसान खान ने बताया उनमें विरूद्ध टीम के खिलाफ अपनी टीम की प्लानिंग की जबरदस्त कला है। उनकी बनाई टीम में 16 खिलाड़ी 11 की तरह खेलते हैं। सबको अपना हुनर दिखाने का मौका मिलता है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि साई में प्रशिक्षण लेने वाले 16 खिलाडिय़ों की टीम के 13 खिलाडिय़ों का 2002 में एमपी पुलिस टीम में सीधा चयन हुआ था। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मोहम्मद उमर, इमरान अली, आजम बेग, इमरान अली, मोहसिन हसन सहित करीब 40 से ज्यादा खिलाड़ी मौजूद रहे।
जानकारों के बीच इतना सम्मान बहुत बड़ी बात
कोच वायएस चौहान ने कहा, कि बाकई में भोपाल में अभी बहुत हॉकी लवर हैं। मैंने कोचिंग के दौरान देखा कि खिलाडिय़ों को जो टास्क दिया गया उसे उन्होंने शत प्रतिशत पूरा किया। यह उनकी सफलता का राज है। वो मेरी कोचिंग और मुझ से इतना प्यार करते हैं मेरे लिए यह बहुत बड़ा सम्मान है, वरन भोपाल तो हॉकी के जानकारों का शहर है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि सभी कोचों को ऐसे ही प्यार करने वाले खिलाड़ी मिलें।
0 Comments