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श्रृंखला 'गमक' का ऑनलाइन प्रसारण

विविध कलानुशासनों की गतिविधियों का ऑनलाइन प्रदर्शन

भोपाल । मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग की विभिन्न अकादमियों द्वारा कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत बहुविध कलानुशासनों की गतिविधियों पर एकाग्र श्रृंखला 'गमक' का ऑनलाइन प्रसारण सोशल मीडिया प्लेटफोर्म पर किया जा रहा है| श्रृंखला अंतर्गत आज मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी द्वारा श्री मुनव्वर मासूम, भोपाल/मुम्बई एवं अब्दुल कबीर भूरे कव्वाल, जावरा द्वारा 'कव्वाली गायन' की प्रस्तुति का प्रसारण किया गया| 

प्रस्तुति की शुरुआत अब्दुल कबीर भूरे क़व्वाल ने सूफ़ियाना क़व्वाली से की उसके बाद- 'मय तो है हिंद अल वली की और जामे ग़ैसे पाक' एवं 'सख़ावतों को है नाज़ जिस पर, क़सम खुदा की ये वो सख़ी है' का गायन किया| 

प्रस्तुति में शाहिद रज़ा, कान्हा जिमड़ा, परवेज़, ताहिर रज़ा एवं मोहम्मद रईस ने संगत दी| 

उसके बाद उस्ताद मुनव्वर मासूम द्वारा सूफी और गज़ल गायन की प्रस्तुति दी गई जिसमें- 'बेगाना ए इरफां को हक़ीक़त की ख़बर क्या, जो आपसे वाकिफ़ नहीं वो अहले नज़र क्या', 'मिरी ज़िंदगी का मक़सद तिरे दर तलक रसाई, तिरा आस्तां मिला तो मुझे मिल गई ख़ुदाई', एवं 'ज़बां पर दिल का ग़म लाना नहीं है, तड़पना ख़ुद है तड़पाना नहीं है' का गायन किया| 

प्रस्तुति में यूसुफ दरबार, उस्ताद नईम खां एवं नादिर खान ने संगत दी| 

गमक श्रृंखला अंतर्गत 09 जुलाई, 2021 को सायं 07:00 बजे से साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यिक सांगीतिक प्रस्तुति के अंतर्गत श्री हिमांशु सोलंकी एवं साथी, बाबई द्वारा हिंदी साहित्य में पिता का गौरव गान एवं चित्रांश बाघमारे, आद्या भारती, हर्ष सक्सेना, सोमेश शर्मा और अनुभूति त्रिवेदी द्वारा 'बाल कवियों की चौपाल' प्रस्तुति का प्रसारण विभाग के यूट्यूब चैनल- https://youtube.com/channel/UCL_bmi2Ls6zFZdM3re6QzAQ और फेसबुक पेज https://www.facebook.com/MPTribalMuseum/live/ पर लाइव प्रसारित होगा |

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