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जल सत्याग्रह

सरकार द्वारा सभी मांगे पूरी करने के बाद जल सत्याग्रह समाप्त



बांध सुरक्षा की जांच के बाद जल स्तर पर पुनर्विचार
जिनके घरों में पानी भरा है उन्हें तत्काल घर प्लाट आवंटित कर घर निर्माण में विशेष सहायता की जायेगी
पुनर्वास कार्य की तेजी के लिये 11 नवंबर से प्रारम्भ होगी संयुक्त प्रक्रिया
भोपाल| राज्य शासन द्वारा सभी मांगे पूरी किये जाने और शासन की ओर से पुनर्वास आयुक्त श्री पवन शर्मा द्वरा लिखित में सभी मांगे स्वीकार करने के पत्र दिये जाने के बाद ओम्कारेश्वर बांध प्रभावितों ने गत 12 दिन से जारी जल सत्याग्रह समाप्त कर दिया।


राज्य शासन की ओर से आज पुनर्वास आयुक्त श्री पवन शर्मा पुनः जल सत्याग्रहियों के बीच पहुंचे और उन्होंने लिखित में सभी मांग स्वीकार करने का पत्र देते हुए जलाशय में पानी कम करने के विषय मे लिखित में दिया कि पूर्ण जलाशय स्तर पर बांध सुरक्षा की जांच के बाद बांध के जल स्तर कम करने के विषय मे पुनर्विचार किया जायेगा। उन्होंने यह भी घोषणा की कि जल स्तर बढ़ने से जिन घरों में पानी भरा है उन्हें तत्काल घर प्लाट दिया जाएगा और उन्हें घर निर्माण के लिए हर संभव सहायता की जायेगी


पुनर्वास कार्य में तेजी के लिये सोमवार 11 नवम्बर से खंडवा में पुनर्वास आयुक्त और नर्मदा आंदोलन के आलोक अग्रवाल संयुक्त प्रक्रिया प्रारम्भ करेंगे। 


इन लिखित घोषणाओं के बाद नर्मदा आंदोलन के प्रमुख आलोक अग्रवाल के साथ ओमकारेश्वर बांध विस्थापितों का 12 से जारी जल सत्याग्रह समाप्त हुआ। जल सत्याग्रह समाप्त होने के तत्काल बाद वहीं सत्याग्रह स्थल पर शासकीय चिकित्सक दल द्वारा सत्याग्रहियों का इलाज किया गया।


श्री पवन शर्मा के साथ एन एच डी सी के उप महाप्रबंधक श्री शरद जयकार, एस डी एम ममता खेड़े आदि अधिकारी साथ थे। 


उल्लेखनीय है कि ओम्कारेश्वर बांध में पानी भरने से आने वाली बिना पुनर्वास डूब के खिलाफ़ गत 25 अक्टूबर से डूब ग्राम कामनखेड़ा में जल सत्याग्रह किया जा रहा था। सत्याग्रह में नर्मदा आंदोलन के प्रमुख श्री आलोक अग्रवाल के साथ 13 ओम्कारेश्वर बांध प्रभावित शामिल थे। आंदोलन की वरिष्ठ चित्तरूपा पालित ने नर्मदा मंत्री और वरिष्ठ अधिकारीयों से लगातार चर्चा कर विस्थापितों का पक्ष रखा।


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