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पूर्व नियोजित दंगों की निष्पक्ष जांच के लिए बने कमेटी : एपीसीआर

 प्रदेश में दंगोंं की साजिश को नाकाम बनाने फैक्ट फाइंडिंग टीम की मांग

पूर्व नियोजित दंगों की निष्पक्ष जांच के लिए बने कमेटी : एपीसीआर



भोपाल। गंगा-जमुनी तहजीब के खिलाफ साजिश रचने वाले पूर्व नियोजित दंगे के जिम्मेदारों पर कानून का डंडा चलेगा, लेकिन यह तभी संभव है, जब इसकी निष्पक्ष जांच हो। इसके लिए स्वतंत्र कमेटी बनाकर एवं निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। यह मांग एपीसीआर पूरी मजबूती से उठाएगी और दोषियों पर कार्रवाई के लिए कोशिश करेगी। एसोसिएशन ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने भोपाल में एक प्रेसवार्ता के दौरान यह बात कही। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एहतेशाम हाशमी ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि उनके साथ अधिवक्ता मुकेश किशोर सदस्य सीपीआईएल एमएल, अधिवक्ता शोएब इनामदार नेशनल असि. को-ऑर्डिनेटर एपीसीआर, अधिवक्ता ज्वलंत सिंह चौहान, काशिफ अहमद, एम हुजैफा एमएमयू छात्र कार्यकर्ता, सैयद अली सामाजिक कार्यकर्ता ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा किया है। 

टीम ने इन हिंसा प्रभावित स्थानों का दौरा करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि यह ङ्क्षहसा सामान्य नहीं थी। इस मामले पर विस्तार से प्रभावित इलाकों में प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस अधिकारियों से बात की गई है। इससे समझा जा सकता है कि यह पूर्व नियोजित था। इसके तहत एक विशेष वर्ग को निशाना बनाने के लिए साजिश को अंजाम दिया गया है। बाकायदा भीड़ एकत्रित की गई है और उसे उकसाया गया है। स्थानीय लोगों और महिलाओं को निशाना बनाया गया है। यही नहीं, यह सब स्थानीय पुलिस की मौजूदगी में हुआ है। बावजूद इसके पीडि़तों पर केस दर्ज कर उन्हें परेशान किया जा रहा है और एक तरफा कार्रवाई की जा रही है, जो तर्कहीन और असंवेदनशील है। मप्र सरकार अपने कर्तव्य में पूरी तरह विफल रही है। 

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